कैडर,कार्यकर्ता और "विचारधारा" यही तीन चीज़ों को लेकर पार्टी,दल या संग़ठन बनता है,कोई भी इसके खिलाफ या समर्थन में हो सकता है,मगर अहम बात बस यहीं है कि कोनसा दल अपनी विचारधारा पर टिका रहता है और उसके साथ साथ उसका कैडर साथ रहता है,अपने दल को मजबूत करता है उसे फर्श से अर्श तक पाहुंचाता है.
भारतीय सियासत में सीपीआई,कांग्रेस और बसपा,भाजपा मुख्य रूप से ज़मीनी स्तर की पार्टी है,लेकिन कांग्रेस,बसपा ने अपनी ज़मीन खुद खोयीं सत्ता के नशे में चूर होकर अपने कैडर को कमज़ोर करते हुए सिर्फ सत्ता का मज़ा लुटा और ज़मीनी तौर पर खुद को मज़बूत कतई नही किया, और इससे भी ज़्यादा अपनी विचारधारा तक को बदल दिया,उसका नुक्सान सबने झेला.
वहीं दूसरी तरफ सीपीआई/ऐम, भाजपा ने अपने आप को ज़मीनी तौर पर मज़बूत किया और पूरी ईमानदारी से टिके रहे अपनी विचारधारा पर,सिद्धान्त पर और कार्यकर्ताओं की बहू बहुत इज़्ज़त हुई,लेकिन कंम्यूनिस्ट पार्टी शायद ये भूल गयी की जिस "सर्वहारा" सिद्धान्त पर वो काम कर रही है वो सर्वहारा भी इंसानों का ही तो है,आखिर कैसे वो अपने ऊपर हुए बंगाल में ज़ुल्म भूल जाते,कैसे अपनी छीनी हुई ज़मीनों को भूल जातें? कैसे? बस इसलिए बंगाल का 34 साल का शासन "सर्वहारा" जनता ने ही खत्म किया,
और हुआ भी यूँ ही सत्ता के अर्श से फर्श पर आज कंम्यूनिस्ट पार्टी है, वही बात भाजपा की करें तो वो ज्यो की त्यों अपनी विचारधारा पर खड़ी है,अपने सिद्धान्त को आगे बढ़ा रही है,आप इसे गलत या सही कहिये,बुरा कहिये लेकिन हां पूरी की पूरी भाजपा उसकी विचारधारा उसका कैडेट ऐसा का ऐसा ही खड़ा है,हार हो या जीत हो,बुरा हो या भला हो चाहे कितनी लानतें क्यों न मिली हो लेकिन फिर भाजपा अपनी विचारधारा से हटी नही और न ही उसने अपनी विचारधारा बदली,यहीं वजह है कि उसके कार्यकर्ता उससे जुड़े रहें और पार्टी को आगे भी बढ़ाया.
अब इस बात को इनाम कहें या फल कहें जो भी कहें मगर भाजपा आज जहां भी है सिर्फ अपनी विचारधारा के प्रति ईमानदारी,कैडर की मज़बूती और ज़मीनी स्तर पर किये गए काम से ही आज उत्तर प्रदेश जैसे राज्य में प्रचंड बहुमत और पूरे देश की 58 प्रतिशत सरकार पर उसका राज होना ,इसके अलावा हर राज्य,हर क्षेत्र में उसके कार्यकर्ता का होना इसी बात का प्रमाण है और इसी कर्तव्यनिष्ठा का फल है.
वैचारिक मतभेद अपनी जगह है,भाजपा की विचारधारा का अपनी जगह है,बुराई अच्छाई अपनी जगह है, लेकिन भाजपा को जो मिला उसकी अपनी मेहनत है उसके कार्यकर्ताओं की मेहनत है,और भाजपा के अपनी विचारधारा पर टिकें रहने की वजह है कि भाजपा आज कामयाब है,अब कितने भी जोक्स,व्यंग्य या बातें सामने रखीं जाएँ,मगर भाजपा आज सत्ता के अर्श पर है और तमाम विचारधाराओं को और संग़ठन को भाजपा से सीखना चाहिए की कैसे अपनी विचारधारा,कैडर और सोच को मजबूत किया जाता है और अपनी विचारधारा को आगे बढ़ाया जाता है...भाजपा को मुबारकबाद और उसकी जीत सभी को सीखने का जीता जागता उदाहरण है..
#वंदे_ईश्वरम